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यादें ( श्रीमती पूनम ठाकुर की आवाज़ में)




“ याद “


मेरा उत्तरीय लहराया
तेरा आँचल लहराया होगा ।
मेरी आँखें फड़क रही हैं
तुमको सिहरन आया होगा
मेरा हृदय धड़कता जाता
तुमने निःश्वांसें छोड़ी होंगी
मेरे ओठ फड़कते क्यों हैं
तुम मुस्कुराती होगी
मेरी देह एँठती जाती
तुम थककर चूर हुई होगी
मुझको आलस क्यों कर आता
तुम सोयी सपनों में खोई होगी
मेरी आँखें भर-भर आतीं
तुम जगकर रोई होगी ।



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