Welcome to the official blog of Anilchandra Thakur (1954–2007), a multilingual poet, playwright, and novelist from Bihar. Discover his rare works in Hindi, Maithili, Angika, and English—featuring novels like The Puppets, story collections like Anat Kha Sukh Pave, and the iconic handwritten magazine Subah. This archive preserves his literary legacy, family memories, cultural insights, dramatizations, and the spirit of rural Indian storytelling.
मित्र आप और आपकी तरह से अनेक साथी ब्लॉग पर लिख रहे हैं। किसी ने किसी स्तर पर इसका समाज पर असर होता है। जिससे देश की ताकत और मानवता को मजबूती मिलती है, लेकिन भ्रष्टाचार का काला नाग सब कुछ चट कर जाता है। क्या इसके खिलाफ एकजुट होने की जरूरत नहीं है? भ्रष्टाचार से केवल सीधे तौर पर आहत लोग ही परेशान हों ऐसा नहीं है, बल्कि भ्रष्टाचार वो सांप है जो उसे पालने वालों को भी नहीं पहचानता। भ्र्रष्टाचार रूपी काला नाग कब किसको डस ले, इसका कोई भी अनुमान नहीं लगा सकता! भ्रष्टाचार हर एक व्यक्ति के जीवन के लिये खतरा है। अत: हर व्यक्ति को इसे आज नहीं तो कल रोकने के लिये आगे आना ही होगा, तो फिर इसकी शुरुआत आज ही क्यों न की जाये?
इसी दिशा में कुछ सुझाव एवं समाधान सुझाने के छोटे से प्रयास के रूप में-
"रुक सकता है 90 फीसदी भ्रष्टाचार!"
आलेख निम्न ब्लॉग्स पर पढा जा सकता है?
http://baasvoice.blogspot.com/2010/11/90.html
http://presspalika.blogspot.com/2010/11/90.html
http://presspalika.mywebdunia.com/2010/11/17/90_1289972520000.html Yours. Dr. Purushottam Meena 'Nirankush NP-BAAS, Mobile : 098285-02666 Ph. 0141-2222225 (Between 7 to 8 PM) dplmeena@gmail.com dr.purushottammeena@yahoo.in
मित्र आप और आपकी तरह से अनेक साथी ब्लॉग पर लिख रहे हैं। किसी ने किसी स्तर पर इसका समाज पर असर होता है। जिससे देश की ताकत और मानवता को मजबूती मिलती है, लेकिन भ्रष्टाचार का काला नाग सब कुछ चट कर जाता है। क्या इसके खिलाफ एकजुट होने की जरूरत नहीं है? भ्रष्टाचार से केवल सीधे तौर पर आहत लोग ही परेशान हों ऐसा नहीं है, बल्कि भ्रष्टाचार वो सांप है जो उसे पालने वालों को भी नहीं पहचानता। भ्र्रष्टाचार रूपी काला नाग कब किसको डस ले, इसका कोई भी अनुमान नहीं लगा सकता! भ्रष्टाचार हर एक व्यक्ति के जीवन के लिये खतरा है। अत: हर व्यक्ति को इसे आज नहीं तो कल रोकने के लिये आगे आना ही होगा, तो फिर इसकी शुरुआत आज ही क्यों न की जाये?
ReplyDeleteइसी दिशा में कुछ सुझाव एवं समाधान सुझाने के छोटे से प्रयास के रूप में-
"रुक सकता है 90 फीसदी भ्रष्टाचार!"
आलेख निम्न ब्लॉग्स पर पढा जा सकता है?
http://baasvoice.blogspot.com/2010/11/90.html
http://presspalika.blogspot.com/2010/11/90.html
http://presspalika.mywebdunia.com/2010/11/17/90_1289972520000.html
Yours.
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